Friday, September 6, 2013

रोता मैं भी हूँ,

रोता मैं भी हूँ,
तेरी कमी महसूस करता हूँ 
दर्द मुझे भी है 
तेरे दूर जाने का 
यकीन नहीं न, तो आके देख 
मेरी तन्हाई में, रात की गहराई में
जब आँसू रुक नहीं पाते,
निकल ही आते हैं ये 
वैंसे पी गया हूँ इनको,
खुद के अपनों के लिए,
आसां न था खुद के लिए गैर हो जाना,
भाव शून्य हो जाना,
हाँ ! भाव शून्य हूँ मगर विचार शून्य नहीं |

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